सेमीकंडक्टर मेमोरी क्या है?
सेमीकंडक्टर मेमोरी तकनीक आज के इलेक्ट्रॉनिक्स का एक अनिवार्य तत्व है। आम तौर पर अर्धचालक प्रौद्योगिकी के आसपास आधारित, मेमोरी का उपयोग किसी भी उपकरण में किया जाता है जो एक फॉर्म या किसी अन्य के प्रोसेसर का उपयोग करता है। सेमीकंडक्टर मेमोरी एक डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक डेटा स्टोरेज डिवाइस है जिसका उपयोग डिजिटल डेटा स्टोर करने के लिए किया जाता है, जैसे कंप्यूटर मेमोरी। यह आमतौर पर MOS मेमोरी को संदर्भित करता है, जहां डेटा को सिलिकॉन इंटीग्रेटेड सर्किट मेमोरी चिप पर मेटल-ऑक्साइड-सेमीकंडक्टर (MOS) मेमोरी सेल्स के भीतर स्टोर किया जाता है। इस मेमोरी को कई अलग-अलग प्रकार और टेक्नोलॉजी में बनाया गया है।
सेमीकंडक्टर मेमोरी के प्रकार
RAM (Random Access Memory)
RAM
या Random Access Memory कंप्यूटर की अस्थाई मेमोरी (Temporary Memory)
होती हैं| की-बोर्ड या अन्य किसी इनपुट डिवाइस से इनपुट किया गया डाटा
प्रक्रिया से पहले रैम में ही संगृहीत किया जाता है और सी.पी.यू. द्वारा
आवश्यकतानुसार वहाँ से प्राप्त किया जाता है रैम में डाटा या प्रोग्राम
अस्थाई रूप से संगृहीत रहता है कंप्यूटर बंद हो जाने या विजली चले जाने पर
रैम में संगृहीत (स्टोर) डाटा मिट जाता हैं| इसलिए रैम को Volatile या
अस्थाई मेमोरी कहते है रैम की क्षमता या आकार कई प्रकार के होते है जैसे
कि- 4 MB, 8 MB, 16 MB, 32 MB, 64 MB, 128 MB, 256 MB आदि | रैम तीन प्रकार
कि होती हैं| कंप्यूटर की रीड एंड राइट (R / W) मेमोरी को RAM कहा जाता
है। उपयोगकर्ता इसे लिख सकता है और इससे जानकारी पढ़ सकता है।
ROM (Read only memory)
ROM
का पूरा नाम Read only Memory होता हैं| यह स्थाई मेमोरी (Permanent
memory) होती है जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम स्टोर कर दिये
जाते हैं| इस मेमोरी में स्टोर प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किये जा
सकते है, उन्हें केवल पढ़ा जा सकता हैं| इसलिए यह मेमोरी रीड ऑनली मेमोरी
कहलाती हैं| कंप्यूटर का स्विच ऑफ होने के बाद भी रोम में संग्रहित डाटा
नष्ट नहीं होता हैं| अतः रोम नॉन-वोलेटाइल या स्थाई मेमोरी कहलाती है जिसे
फर्मवेयर के रूप में भी जाना जाता है|
मेमोरी क्या है?
यह Device Input Device के द्वारा प्राप्त निर्देशों को Computer में
संग्रहण (स्टोर) करके रखता है इसे Computer की याददाश्त भी कहाँ जाता है|
मानव में कुछ बातों को याद रखने के लिये मष्तिस्क होता है, उसी प्रकार
Computer में डाटा को याद रखने के लिए मेमोरी (Memory) होती हैं| यह
मेमोरी C.P.U का अभिन्न अंग है,इसे Computer की मुख्य मेमोरी (Main
memory), आंतरिक मेमोरी (Internal Memory), या प्राथमिक मेमोरी (Primary
Memory) भी कहते हैं| कंप्यूटरो में एक से अधिक मेमोरी होती है हम उनको सामान्यतः प्राथमिक
(Primary) व द्वितीयक (Secondary) मेमोरी के रूप में वर्गीकृत कर सकते है
प्राथमिक मेमोरी अस्थिर (Volatile) तथा स्थिर (Non-Volatile) दोनों प्रकार
कि होती है| अस्थिर मेमोरी (Temporary Memory) डेटा को अस्थाई रूप से
कंप्यूटर ऑन होने से लेकर कंप्यूटर बंद होने तक ही रखते है अर्थात कंप्यूटर
अचानक बंद होने या बिजली के जाने पर कंप्यूटर से डाटा नष्ट हो जाता है
स्थिर मेमोरी (Permanent Memory) आपके कंप्यूटर को प्रारंभ करने में सहायक
होती हैं| इसमें कुछ अत्यंत उपयोगी फर्मवेयर होते है जो कंप्यूटर को बूट
करने में मदद करते है बूटिंग कंप्यूटर को शुरू करने कि प्रक्रिया को कहा
जाता है इसे मुख्य मेमोरी कहा जाता हैं| द्वितीयक संग्रहण वह है जो हमारे
डाटा को लंबे समय तक रखता है द्वितीयक संग्रहण कई रूपों में आते हैं|
फ्लोपी डिस्क, हार्ड डिस्क, सी.डी. आदि |
बिट अथवा बाइट
मेमोरी
में स्टोर किया गया डाटा 0 या 1 के रूप में परिवर्तित हो जाता है 0 तथा 1
को संयुक्त रूप से बाइनरी डिजिट कहा जाता हैं| संक्षेप में इन्हें बिट भी
कहा जाता हैं| यह बिट कंप्यूटर कि मेमोरी में घेरे गे स्थान को मापने की
सबसे छोटी इकाई होती हैं|
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